प्रेमचन्द के उपन्यासों में व्यंग्य-बोध (Premchand ke upanyaso mein vyangya-bodh)
सिन्हा, उर्मिला (Sinha, Urmila)
प्रेमचन्द के उपन्यासों में व्यंग्य-बोध (Premchand ke upanyaso mein vyangya-bodh) उर्मिला सिन्हा - नयी दिल्ली क्लासिकल पब्लिशिंग कम्पनी 2005 - पृ. 149
8170544297
आ 1123
प्रेमचन्द के उपन्यासों में व्यंग्य-बोध (Premchand ke upanyaso mein vyangya-bodh) उर्मिला सिन्हा - नयी दिल्ली क्लासिकल पब्लिशिंग कम्पनी 2005 - पृ. 149
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आ 1123