प्रेमशंकर

भक्तिकाव्य का समाजशास्त्र (Bhaktikvya ka samajshastra) - नयी दिल्ली राधाकृष्णन प्रकाशन 1990 - पृ. 142


हिन्दी आलोचना

आ 1009